Quantcast
Channel: जनपक्ष
Browsing all 168 articles
Browse latest View live

Image may be NSFW.
Clik here to view.

ट्रेवॉन मार्टिन के बहाने नस्लवाद पर कुछ बातें

2008में बराक ओबामा का यूएसए का राष्ट्रपति चुना जाना निश्चित ही एक ऐतिहासिक क्षण था. 20जनवरी 2009को ओबामा के शपथ ग्रहण समारोह (इनऑगरेशन सेरेमनी) का सीधा प्रसारण इन पंक्तियों के लेखक ने यूएसए के सुदूर...

View Article


Image may be NSFW.
Clik here to view.

डा नरेंद्र दाभोलकर की नृशंस ह्त्या हमारी अग्रगामी चेतना की हत्या की कोशिश है

(स्वतंत्र भारत के इतिहास में डा नरेंद्र दाभोलकर की नृशंस ह्त्या हमारी अग्रगामी चेतना की हत्या की कोशिश है. यह एक प्रगतिशील मुल्क बनाने के हमारे सपने की हत्या की कोशिश है. इसकी निंदा करना तो बस एक सड़ी...

View Article


Image may be NSFW.
Clik here to view.

शास्त्र सम्मत नहीं है अयोध्या की चौरासी कोस की परिक्रमा

(अरुण जी का यह लेख आज आगरा से निकलने वाले दैनिक कल्पतरु एक्सप्रेस में प्रकाशित हुआ है. यह लेख धर्म के अपने टूल्स से हालिया घटनाक्रम की विवेचना कर स्पष्ट बताता है कि किस तरह इस कथित धार्मिक यात्रा का...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

इस मुरदा-घर में उम्मीद की किरणें कहाँ से आएँगी?

(यह आलेख कुछ दिनों पहले 'स्त्री मुक्ति' के लिए लिखा गया था. आज आप सबके लिए)चित्र यहाँ से साभार कुछ दिनों पहले कवि और प्रकाशक अरुण चन्द्र राय ने एक वाकया सुनाया. दिल्ली के पास एक फैक्ट्री के सर्वे के...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

हम सब दाभोलकर ! सुभाष गाताडे

अंधश्रद्धा के खिलाफ संघर्षरत एक संग्रामी की शहादत- ‘‘जिन्दगी जीने के दो ही तरीके मुमकिन हैं। पहला यही कि कोई भी चमत्कार नहीं। दूसरा, सबकुछ चमत्कार ही है।’’- अलबर्ट आइनस्टाइनलब्जों की यह खासियत समझी...

View Article


Image may be NSFW.
Clik here to view.

किस्सा दो-प्याजा

प्याजनेफिरसेरुलानाशुरूकरदियाहै।इतनाज्यादाकिबाहरबूंदाबांदीकीआवाजसुनकरसमझमेंनहीआताकिबारिशहोरहीहैयाकोईसस्तेप्याजकेदिनोंकोयादकररोरहाहै!वैसेअगरसचमुचऐसाहोतोमैइसेकोईअनहोनीनहीकहूंगा।दो-चारदिनपहलेखबरथीकिदिल्ली-...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

हम अपनी खामोशियों के गुनाहगार रहे/ वे जूनून बन के सब के सर पे सवार रहे.

(मुजफ्फरनगर दंगों के बाद एक अपील)लहू का आदिम खेल फिर ज़ारी है. फिर ज़ारी है अफवाहों का वलवला और पतित राजनीति के षड्यंत्रों का सिलसिला. धरम के नाम पर फिर हथियार निकल गए हैं और इंसानी लाशों की पहचान उनके...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

जनसत्ता के झूठ और चंचल चौहान का जवाब

अपनी वाम विरोधी और अब तो कहा जा सकता है कि दक्षिण समर्थक मुहिम में जनसत्ता नामक अखबार के महत्त्वाकांक्षी, दम्भी और अलोकतांत्रिक सम्पादक ने पत्रकारिता के तमाम मानक बिसरा दिए हैं. वह बिना ठोस सबूतों के...

View Article


Image may be NSFW.
Clik here to view.

अनंतमूर्ति का बयान और उसके विरोधों के निहितार्थ

फासीवाद की एक प्रमुख विशेषता यह होती है कि वह अफवाह फैलाता है. जैसा कि संघ परिवार ने मेरे साथ किया. एक कन्नड़ अखबार है 'कन्नड़ प्रबाह' जिसने मेरे बारे में अफवाहें और गन्दी चीजें प्रकाशित कीं. ऐसी चीजें...

View Article


Image may be NSFW.
Clik here to view.

बहिष्कार भी समर्थन की तरह एक राजनीतिक हथियार है : सन्दर्भ हंस का सम्पादकीय

यह लेख भोपाल की एक पत्रिका के कहने पर लिखा गया था. छपा या नहीं छपा यह पता नहीं, क्योंकि कोई सूचना नहीं आई. अब इस महीने का हंस का सम्पादकीय पढने के बाद इसे यहाँ पोस्ट कर रहा...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

भगत सिंह के जन्मदिवस पर उनके नाम प्रो लाल बहादुर वर्मा का एक ख़त

प्यारे दुलारे भगत,ख़त में एक दूरी तो है पर यह ख़त हम तुम्हारे मार्फ़त खुद को लिख रहे हैं- तुम से जुड़कर तुम्हे अपने से जोड़ रहे हैं ..तुमे हम क्या कहकर पुकारे यह तय करना बाकी है , क्योकि तुमसे जन्म का...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

थू करने के लिए नही है मेरी जबान पर थूक - कैलाश वानखेड़े

अभी ज्यादा दिन नहीं हुए जब धार ज़िले से ख़बर आई थी कि एक तहसीलदार ने दलित बच्चों से जाति प्रमाणपत्र के लिए जानवरों की खाल उतारते हुए अपनी तस्वीरें प्रस्तुत करने के लिए कहा था! हम सब क्रोधित थे...पर...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

सदाचार की गठरी : हिमांशु पांड्या

हिन्दी की युवा कहानीकार ज्योति कुमारी द्वारा दर्ज यौन दुर्व्यवहार की शिकायत के बाद उठे विवाद में ताज़ा कड़ी में हमारी भाषा के एक समर्थ लेखक अनिल कुमार यादव का लेख एक साथ दो ब्लोग्स पर शाया हुआ है.इन...

View Article


Image may be NSFW.
Clik here to view.

सेंसर बोर्ड अंधा है वह आंखें बंद कर “ग्रैंड मस्‍ती” मार रहा है : सारंग उपाध्याय

 “वल्‍गर कॉमेडी”के नाम पर हाफ पौर्न परोस रही फिल्‍म “ग्रैंड मस्‍ती”कुछ असफल और फिल्‍मी प्‍लेटफार्म से गायब होते जा रहे लोगों की अवसाद से ऊपजी भडास है. इंडस्‍ट्री में बनें रहने की दोयम दर्जे की घटिया,...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

द्वंद्वात्मक भौतिकवाद – हेगेल से मार्क्स तक

(जनपक्ष के पाठक जानते ही हैं कि मार्क्सवाद के मूलभूत सिद्धांतों को लेकर मैंने एक लेखमाला की शुरुआत की थी. उसकी कुछ किश्तें देने के बाद वह क्रम ब्लॉग पर रुक गया लेकिन युवा संवाद पत्रिका में लगभग नियमित...

View Article


Image may be NSFW.
Clik here to view.

कोका कोला पर वक्तव्य - मार्टिन एस्पादा का एक भाषण

(1957 में न्यूयार्क के ब्रुकलिन में जन्में मार्टिन एस्पादा को ‘अपनी पीढ़ी का लातिनी कवि’ कहा जाता है. उनका काव्यकर्म लातिनी अमेरिका की उस प्रतिरोधी परम्परा का है जिसने अमेरिकी साम्राज्यवाद के ज़ुल्म और...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

बाज़ार और टीवी सीरियल : प्रांजल धर

अँधेरा इन दिनों सबको नया-सा लगता हैबाज़ार की माँग के हिसाब से तय होते हैं टीवी सीरियलों के विषय और चरित्रप्रांजल धर कोई सात साल पहले की मेरठ की एक ख़ूबसूरत रात की बात है। ख़ूबसूरत यानी सन्नाटे भरी। माघ...

View Article


Image may be NSFW.
Clik here to view.

राजेन्द्र यादव : बड़े सम्पादक और लेखक ही नहीं बड़े मनुष्य भी - पल्लव

हमारे युग के नायक राजेन्द्र यादवपल्लवहिन्दी कहानियों के सबसे शानदार संकलन ‘एक दुनिया समानांतर’ की भूमिका में राजेन्द्र  यादव ने एक सवाल उठाया है कि विश्वामित्र नायक हैं या खलनायक? आज जबसे खबर मिली है...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

लता आत्या दिवाळी च्या शुभेच्छा - बादल सरोज

यह टिप्पणी सी पी एम के मध्यप्रदेश के सचिव कामरेड बादल सरोज की फेसबुक वाल से ली गई है. लता मंगेशकर के हाल के मोदी समर्थक बयान के मद्देनज़र बादल भाई ने थोड़ा इतिहास खंगाला है, थोड़ा वर्तमान.आपकी आवाज में...

View Article

Image may be NSFW.
Clik here to view.

मुक्तिबोध की याद

पिराते-से ख़याल अंधेरे मेंपर हिन्‍दी में बहुत चर्चा हुई है। मैं मुक्तिबोध के कविता-संसार में जाता हूं तो चकमक की चिनगारियांभी उससे कम महत्‍वपूर्ण नहीं लगती। मुक्तिबोध की कविता के विशद विवेचन में जाना...

View Article
Browsing all 168 articles
Browse latest View live