बीस बरस का छह दिसंबर : यादों से एक चेहरा
सल्वाडोर डाली की प्रसिद्ध पेंटिंग 'द परसिस्टेंस आफ मेमोरी' गूगल से साभार रात थी सुबह हुई..अँधेरा फिर भी तारी है!वह एक ठंढी खामोश रात थी जिसके बाद निकलने वाले सूरज को हमेशा के लिए स्मृति में एक अँधेरे...
View Articleमेरी क्रिसमस कथा (तातियाना के लिए) : माइकल येट्स
जब मैं छोटा था तब ज़्यादातर औरों के उतारे हुए कपड़े पहना करता। पड़ोसियों का बेटा मुझसे साल-दो साल बड़ा था और लगभग मेरी ही साइज़ का था और उसकी उतारी हुई कमीज़ें और पतलूनें मुझे मिलतीं। दादी या मेरी माँ...
View Articleकमज़ोर लोगों के कवि - चन्द्रकाँत देवताले
वरिष्ठ कवि चंद्रकांत देवतालेको इस वर्ष का साहित्य अकादमी सम्मान मिला है. इस पर 'देर आयद दुरस्त आयद' से अधिक कुछ कहने की इच्छा नहीं. उन पर केन्द्रितमहेश चन्द्र पुनेठाका यह लघु आलेख आज के दैनिक जागरण में...
View Articleऔरतों को लेकर मिथक : थोड़ी हकीकत ज्यादा फसाना
युवा पत्रकार पूजा सिंहका यह लेख 'तहलका' के ताज़ा 'महिला विशेषांक' में है. स्त्रियों को लेकर जिस तरह के पूर्वाग्रह और सहजबोध (common sense) समाज में बनाए जाते हैं उनका मुहतोड़ जवाब देता यह लेख एक आधुनिक...
View Articleबलात्कार से बचने के भागवत-रहमानी नुस्खे - राकेश बिहारी
आज मोहन भागवत का एक और बयान आया है, साथ में कैलाश विजयवर्गीय का बयान आया है. बयानों का यह सिलसिला तो चलता ही रहेगा. शुक्रवार के ताज़ा अंक में ऐसे तमाम अटपटे बयान हैं. . हिंदी के युवा कथाकार राकेश...
View Articleतुम अपनी उस खोह में लौट जाओ ! - विजय कुमार
कवि आलोचक विजय कुमार जी स्त्री विषयक दस कविताएं प्राप्त हुईं हैं. ये कविताएं उन के तीन काव्य संग्रहों --" अदृष्य हो जाएंगी सूखी पत्तियाँ " , "चाहे जिस शक्ल से' तथा "रात पाली" से चुनी गईं हैं. ये...
View Articleइन गुनाहों के खिलाफ कौन मोमबत्तियाँ जलाता है ? - विजय कुमार की एक कविता
पिछली पोस्ट में आपने ख्यात कवि-आलोचक विजय कुमार जी की एक कविता पढ़ी थी...आज उसी क्रम में एक और कविता...पिटी हुई औरतविजय कुमार पूस के महीने में रूह को कँपा देने वाली ठंडक में जब ढेर सारे बिल्ली के बच्चे...
View Articleबलात्कार,दिल्ली, आन्दोलन और ब्रांड बाज़ार में नया साल
नयासालअभीदूरहैलोकेश मालती प्रकाश नयासालआगयाहै।फिरसेआगयाहै।...
View Article“लड़ाई के इस भाग के प्रायोजक हैं…”
लोकेश मालती प्रकाश सुषमास्वराज, नेकेंद्रसरकारसेमांगकीहैकिअगरवहसीमापरमारेगएअपनेसैनिककाकटासिरनहीलासकतीतोकमसेकम‘उसपार’ सेदससिरतोलेआए।कुछसमयपहलेयेसभीपाकिस्तानकोगालियांदेरहेथेंइस‘कायराना’ हरकतपर,...
View Articleपश्चिमी दर्शन और भौतिकवाद
मार्क्सवाद के मूलभूत सिद्धांत शीर्षक से लिखी जा रही इस श्रृंखला के पिछले लेखों में आप भारतीय दर्शन परम्परा के बारे में पढ़ चुके हैं..अब एक नज़र पश्चिमी दर्शन पर जैसे यह कहना ग़लत है कि भारतीय दर्शन...
View Article'मर्द' बनाते विज्ञापनों की एक गंभीर पड़ताल
उपभोक्ता संस्कृति की पुरुषवादी संस्कार प्रक्रियामनोज पाण्डेय अब यह पूरी तरह से स्थापित हो चुका है कि टीवी हमारे जीवन को हर तरह से प्रभावित कर रहा है.समाज और समय से काट देने के बाद टीवी अपने तय ढंग...
View Articleधर्म: एक वाहियात पोस्ट लाईफ इंश्योरेंस पालिसी
शमशाद इलाही अंसारी आधुनिक युग में इंसानी जीवन की अवधि ८० बरस से ऊपर है, मुसलमानों की औसत आयु कुछ कम होगी, चलिए किसी मान्य आंकड़े की अनुपस्थिती में अंदाजा ही लगा लेते हैं. कम से कम औसत आयु ६० बरस मान...
View Articleयह शिक्षा किसका भला कर रही है?
वंदना शुक्ला चित्र एन डी टी वी की वेबसाईट से साभार पिछले दिनों मलेशिया सिंगापूर यात्रा के दौरान एक चीनी परिवार में जाने का मौक़ा मिला |भारत के भौगोलिक सौंदर्य और संस्कृति व संयुक्त परिवार की अवधारणा के...
View Articleफ्रांस का माली में सैन्य अभियान : कथित समाजवादी आलेंद का साम्राज्यवादी...
शमशाद इलाही अंसारी पश्चिमी अफ्रीकी देश माली में फ्रांस जैसी यूरोपीय महाशक्ति इन दिनों इस्लामी कट्टरपंथियों के सफाया अभियान में जुटी हुई है. कुछ हथियारबंद दाढ़ी वाले पग्गड़धारियों ने गत ८-१० माह से...
View Articleमैं जानती हूँ पिंजरे में बंद पक्षी कैसे गाता हैं - विपिन चौधरी
(अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर क्रांतिकारी अभिनन्दन के साथ प्रसिद्ध लेखिका माया एंजेलो पर यह आलेख अहा ज़िन्दगी के ताज़ा अंक से साभार. ) विपिन-चौधरी इन्सान का जीवन एक ऐसी किताब...
View Articleपूँजीवादी विकास की अंतर्कथा
क्या विकास पूरा हो चुका है?--लूई प्रोयेक्ट पूँजीवाद के संकट का सवाल विश्व के प्रमुख औद्योगिक राष्ट्रों के सम्मुख जिस तरह खड़ा है वैसा 1930 के दशक के बाद कभी नहीं हुआ था। जहाँ एक ओर बहुत से लोग मानते...
View Articleशहीद होने की घड़ी में वह अकेला था ईश्वर की तरह
तेईस मार्च भारतीय क्रांतिकारी मनीषा के प्रतीक शहीद भगत सिंह और उनके साथियों राजगुरु तथा सुखदेव का शहादत दिवस है तो उसके कोई आधी सदी बाद उसी दिन पंजाबी के क्रांतिकारी कवि अवतार सिंह पाश भी शहीद हुए थे....
View ArticleMuslim Right : Baring Its True Fangs !
Why does it want to protect Razakars and Mass Murderers-subhash gatadeAny death is regrettable and those who died due to police fire may also come under this category. What is interesting is Jamaat’s...
View Articleयों ही लोकप्रिय नहीं थे ऊगो शावेज़!
ऊगो शावेज़ की मृत्यु पर वेनेजुएला में उमड़ी भीड़ सबने देखी. वह नए तरह के समाजवादी नेता थे. तानाशाह नहीं, पूरी तरह से जनता द्वारा चुने गए तथा उसके हित में काम करने वाले. पढ़िए वे पचास वजूहात जिन्होंने...
View Articleसाहित्यिक –राजनीतिक पोस्टर - एक आधुनिक लोक-कला ·
यह आलेख परिकथा के लोक-कला विशेषांक में छपा है.मैं एक पोस्टर हूँसड़क या दीवार परचिपका हुआ इश्तहारतुम चाहोसैनिक-ट्रक के नीचे कुचल सकते होफाड़कर चिन्दी-चिन्दी कर सकते हो!पर उससे क्या ?मैं ज़माने के दर्द...
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